सिग्नलिंग भारतीय रेलवे पर परिचालन का एक महत्वपूर्ण अंग है। भारतीय रेल पर यातायात की बढ़ती मांग और ट्रेनों की गति बढ़ाने की आवश्यकता है, सिग्नलिंग बुनियादी ढांचे को अपग्रेड करने और नवीनतम रखरखाव प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता अपरिहार्य है और इस प्रकार उन नियमों और विनियमों को अद्यतन करने की आवश्यकता थी जो सिग्नल इंजीनियरिंग मैनुअल के तहत आते हैं जिसे वर्ष 2001 में अपडेट किया गया था। मैनुअल के अपडेशन के लिये रेलवे बोर्ड, जोनल रेलवे, रिसर्च विंग और प्रशिक्षण केंद्रों के अनुभवी वरिष्ठ अधिकारियों के परामर्श की आवश्यकता होती है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान, रेलवे बोर्ड द्वार इस महत्वपूर्ण कार्य को विविध और समृद्ध अनुभव वाले अधिकारियों की दो समिति का गठन करके सिग्नल इंजीनियरिंग मैनुअल (एसईएम) के संशोधन का यह प्रमुख कार्य सौंपा गया था।
पहली कमेटी को भारतीय रेल में प्रयुक्त हो रही उन्नत सिगनल तकतीकों को ध्यान में रखते हुये मौजूदा एसईएम के संशोधन का काम सौंपा गया । इस समिति के लिए श्री अरुण कुमार- प्रिंसिपल चीफ सिग्नल एंड टेलीकॉम इंजीनियर उत्तर मध्य रेलवे को भारतीय रेल और इरकॉन पर सिग्नलिंग में उनके व्यापक अनुभव को ध्यान में रखते हुये चुना गया, जिसमें उन्हें कई देशों में सिग्नलिंग की कई परियोजनाओं पर कार्य किया है। विभिन्न सिग्नलिंग उपकरणों जिसमें नई तकनीक प्रणाली जैसे MSDAC, CTC, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग आदि शामिल हैं के रखरखाव प्रणाली में संशोधन के लिए दूसरी समिति का गठन किया गया। इस समिति में श्री नीरज यादव- चीफ सिग्नल इंजीनियर उत्तर मध्य रेलवे को, जिन्होने भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त रेलवे में से एक में अपने अभिनव तरीकों से काम करते हुये सिग्नलिंग सिस्टम की विश्वसनीयता में सुधार किया है, को कमेटी मेंबर के रूप में नामित किया गया है।
समिति ने कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कई दौर की चर्चा के बाद ड्राफ्ट SEM को अंतिम रूप दिया और टिप्पणियों के लिए सभी जोनल रेलवे को प्रेषित किया गया। जोनल रेलवे से प्राप्त ऐसी सभी टिप्पणियों को इरीसेट और आरडीएसओ द्वारा संकलित किया गया। ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा एक विशेष सिग्नल मानक समिति (एसएससी) की बैठक का दिनांक 09.09.2020 से 11.09.2020 तक आयोजन है। इस बैठक के उद्घाटन सत्र को सदस्य, इन्फ्रा, रेलवे बोर्ड श्री प्रदीप कुमार ने संबोधित किया जिन्होंने एसईएम संशोधन समिति द्वारा किये गये अथक प्रयासों की सराहना की और कहा कि नए मनुअल को महीने के भीतर अंतिम रूप दिया जाएगा।
उत्तर मध्य रेलवे ने अपने मार्गों पर स्थापित नवीनतम प्रौद्योगिकी प्रणालियों के बारे में जोन का अनुभव साझा करके SEM के संशोधन में योगदान दिया है। SEM में नई प्रौद्योगिकी प्रणालियों को शामिल करने से प्रणाली की समझ, स्थापना और रखरखाव प्रथाओं के लिए एकरूपता आयेगी ।