माल यातायात परिचालन में वृद्धि के लिए पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर मण्डल के कटनी में ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है।इस ग्रेड सेपरेटर की कुल लंबाई 34.9 किमी है। इसके साथ ही इसमें वॉयडक्ट (17.8 किमी), रिटेनिंग वॉल (3.2 किमी), अर्थवर्क (13.9 किमी) पर ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
इस परियोजना की कुल निर्माण कार्य लागत रुपये 1250 करोड़ है। यह कार्य वर्ष 2023-24 तक पूरा होने की संभावना है।इस ग्रेड सेपरेटर में कुल 676 पियर्स/अब्यूटमेंट्स, 08 रेल ओवर रेल ब्रिज (आरओआर), 06 मेजर ब्रिज निर्माण कार्य के साथ भारतीय रेल पर पहली बार एलिवेटेड डेक पर पॉइंट्स और क्रोसिंग का भी कार्य किया जा रहा है।
इसमें के अंतर्गत 2.6 लाख क्यू-एम कंक्रीट, 37000 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील का उपयोग किया जा रहा है। कटनी ग्रेट सेपरेटर भारत का सबसे लंबा रेलवे वायडक्ट होगा। इसके निर्माण कार्य को गति प्रदान करते हुए अप साइड में 1570 फाउंडेशन में से 1445 फाउंडेशन का निर्माण करते हुए 92 प्रतिशत तक कार्य पूर्ण हुआ।
इसके साथ में 264 पिलर्स में से 99 पिलर्स को तैयार कर 38 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ। इसी तरह डॉउन साइड में भी 2585 फाउंडेशन में से 1831 फाउंडेशन का निर्माण कर 70 प्रतिशत कार्य किया गया है।
इसके साथ ही 412 पिलर्स में से 86 पिलर्स का निर्माण कर 20 प्रतिशत कार्य किया गया है। इस प्रकार अभी तक सम्पूर्ण निर्माण कार्य का 25 फीसदी कार्य पूर्ण हुआ है।
इस परियोजना से रेलवे को कई फायदे होंगे :
* बीना-कटनी के रेलखण्ड में फ्रेट ट्रेन के परिचालन में वृद्धि के साथ गति प्रदान करेगा।
*कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ जायेगा और कटनी, नई कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र से रेलखण्ड का बायपास होगा।
*माल यातायात में वृद्धि होने से फ्रेट ट्रेनों के समय मे बचत होगी साथ ही आवागमन में आसानी होगी।
*पमरे के रेल राजस्व में भी वृद्धि होगी।