पश्चिम मध्य रेल के तीनों मण्डलों के 18 महत्वपूर्ण पुलों के नदी के जलस्तर को मापने की प्रणाली ( Automatic water level monitoring system-) स्थापित की गई है।इस प्रणाली से मानसून के समय ट्रेन संचालन की सरंक्षा में वृद्धि होगी।
पमरे के 18 पुल इस प्रकार हैं-
जबलपुर मण्डल में 5 पुल -हिरन, कोपरा, बेरमी, नर्मदा, एवं महानदी
भोपाल मण्डल में 7 पुल – माचक, ददूरा, नर्मदा, बेतवा, बीना नदी, काली सिंध एवं झकला
कोटा मण्डल में 6 पुल-सिपरा, छोटी कालीसिंध कालीसिन्ध, परबति, बानस एवं गंभीर
ऑटोमेटिक वॉटर लेवल मॉनेटरिंग सिस्टम स्थापित के फायदे
मानसून के समय नदी के जलस्तर को मापने के लिए पुलों पर फ्लड गेज पेंट मार्क होता है। जब जल स्तर का लेवल खतरनाक (डेंजर लेवल) जलस्तर लेवल पर पहुंचने से 1-2 मीटर की दूरी के पहले ही ऑटोमेटिक वॉटर लेवल मॉनेटरिंग सिस्टम द्वारा बार-बार अलर्ट का संदेश भेजा जाता है।
इस प्रणाली से प्रतिदिन 8 बजे पुलों पर पानी के स्तर का अलर्ट संदेश संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आता है। 24*7 डेटा की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध रहती है।मुख्यालय और मण्डलों से भी मॉनेटरिंग की जा सकती है।
इस प्रणाली मे सोलर एनर्जी का प्रयोग किया गया है। यह पूर्णतः माइक्रो प्रोसेसर एवं जीपीएस आधारित प्रणाली है, जो कि सेंसर के माध्यम से ऑटोमेटिक मॉनेटरिंग करता है। इन सभी मॉनेटरिंग का समय-समय पर मापांकन भी किया जाता है।