पश्चिम रेलवे भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज में परिवर्तित करने के लिए डिजिटल इंडिया पहल को बढ़ावा देने हेतु निरंतर उल्लेखनीय प्रयत्न कर रही है। इन प्रयासों के तौर पर पश्चिम रेलवे ने कस्टमर इंटरफेस के विभिन्न बिंदुओं पर 354 स्टेशनों पर डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा को इनेबल किया है। इनके अंतर्गत यूटीएस / पीआरएस स्थल, खानपान इकाई, गुड्स एवं पार्सल और अन्य सर्विस कॉन्ट्रेक्ट स्थान शामिल है।
डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए इन स्टेशनों पर विभिन्न डिजिटल मोड़ के माध्यम से कैशलेस ट्रांजैक्शन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पश्चिम रेलवे पर औसतन 4.50 लाख यात्री डिजिटल साधनों से टिकटिंग की सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। उपर्युक्त ट्रांजेक्शन के अतिरिक्त, बिल रिकवरेबल, डिपॉजिट वर्क हेतु भुगतान, नीलामी बिक्री, ग्राउंड रेंट तथा अन्य विविध रिसीप्ट जैसे अन्य विभिन्न ट्रांजेक्शन जिन्हें अब तक चेक / डीडी के ज़रिए लेनदेन किया जाता था, उन्हें भी अब मिसलिनियस ई रिसीप्ट सिस्टम (MERS) पोर्टल के उपयोग से डिजिटल लेन-देन के अंतर्गत लाया गया है।
डिजिटल और नगदरहित लेनदेन को बढ़ावा देने और उसका अधिक से अधिक प्रचार करने की दृष्टि से पश्चिम रेलवे द्वारा अनूठी पहल की गई है। नगद रहित लेनदेन को अधिक सुविधाजनक बनाने हेतु अब तक 928 मशीनें लगाई गई हैं। यूपीआई और भीम के ज़रिए भुगतान करने की सुविधा भी सभी यूटीएस और पी आर एस काउंटरों पर उपलब्ध कराई गई है। मुंबई उपनगरीय सेक्शन के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पश्चिम रेलवे पर, अनारक्षित टिकटिंग के लिए मोबाइल एप पर शुरू की गई यूटीएस सुविधा को पश्चिम रेलवे के सभी लोकेशनों के लिए बढ़ा दिया गया है। क्यू आर कोड आधारित टिकटिंग सुविधा मुंबई उपनगरीय सेक्शन पर क्रियान्वित की गई है और शीघ्र ही इसे ग़ैर-उपनगरीय लोकेशनों के लिए भी विस्तारित किया जाएगा। राजधानी / शताब्दी विशेष गाड़ियों के चल टिकट परीक्षकों (टीटीई) को डिजिटल भुगतान सुविधा सहित 64 हैंडहेल्ड टर्मिनल (एच एच टी) उपलब्ध कराए गए हैं। पश्चिम रेलवे पर 100% खानपान यूनिटों के पास पीओएस मशीन, पेटीएम / भीम एप आदि सहित अन्य नकदरहित लेनदेन सुविधाएं उपलब्ध हैं। माल यातायात के लिए संपूर्ण पश्चिम रेलवे पर ई-भुगतान क्रियान्वित किया गया है। सभी महत्वपूर्ण गुड्स शेडों और पार्सल लोकेशनों पर ग्राहकों द्वारा नकदरहित लेन-देन करने हेतु 92 पीओएस मशीनें लगाई गई हैं, जिन्हें अच्छा प्रतिसाद मिला है और बड़ी संख्या में अब तक ग्राहकों द्वारा ई-भुगतान सुविधा का विकल्प अपनाया गया है। डिजिटलीकरण को पार्किंग तथा ‘पे एंड यूज़’ ठेकों जैसे अन्य क्षेत्रों में भी शुरू किया गया है। डिजिटलीकरण के अंतर्गत 88 लोकेशनों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार ‘पे एंड यूज़’ के 19 लोकेशनों तथा 30 स्टेशनों पर विश्रामालयों को भी इसके अंतर्गत शामिल किया गया है।
इनके अलावा, स्टेशनों पर फ़्लैश प्ले, स्टेशन परिसर में हेल्प डेस्क, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पोस्टर आदि का प्रदर्शन नियमित रूप से किया जा रहा है। मोबाइल ऐप पर ATVM और UTS पर बोनस के रूप में और प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। पश्चिम रेलवे के सभी डिवीजनों को निर्देश दिया गया है कि वे सभी नये ग्राहकों को ई-आरडी के तहत पंजीकृत करवायें, ताकि ईटी-आरआर जारी करने के लिए 100% का लक्ष्य प्राप्त हो सके। हाल ही में शुरू की गई विविध प्राप्तियों की मात्रा को निकालने के लिए एमईआरएस प्रणाली का प्रसार किया जा रहा है। सभी ठेकेदारों, विक्रेताओं और कर्मचारियों को भुगतान CIPS के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा रहा है और इसे अनिवार्य कर दिया गया है। नियमित अंतराल पर प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रचार की व्यवस्था की जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों जैसे ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर टेक्स्ट, पिक्चर्स, इन्फोग्राफिक्स और जीआईएफ के रूप में समय-समय पर प्रभावशाली संदेशों के साथ ग्राहकों तक पहुंचने के लिए डिजिटलीकरण का प्रभावी प्रचार किया जा रहा है।
भारतीय रेलवे ने 28 जुलाई, 2020 को आईआरसीटीसी – एसबीआई कांटेक्टलेस क्रेडिट कार्ड भी लाॅंच किया है। यह क्रेडिट कार्ड पूर्णतः ‘मेड इन इंडिया’ कार्ड है, जिसे आईआरसीटीसी एवं एसबीआई द्वारा विकसित किया गया है तथा रुपे (RUPAY) द्वारा पावर किया गया है। यह अनूठी पहल पूरे टिकट बुकिंग एवं टिकट चेकिंग प्रक्रिया में पेपर रहित लेनदेन में निश्चित रूप से सहायता करेगी।
पश्चिम रेलवे माननीय प्रधानमंत्री के “डिजिटल भारत” और “आत्मनिर्भर भारत” के विज़न को पूरा करने के लिए हर सम्भव बेहतर प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य के अंतर्गत पश्चिम रेलवे शीघ्र ही सभी व्यापारिक स्थलों सहित सभी प्वाइंट्स ऑफ सेल्स तथा सभी स्टेशनों पर शत प्रतिशत नकद रहित लेन-देन सुविधा उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास कर रही है। पश्चिम रेलवे ने अपने सभी सम्माननीय ग्राहकों से अनुरोध किया है कि वे डिजिटल साधनों को अपनाते हुए इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बनें और भारत को डिजिटल दृष्टिकोण से एक सशक्त समाज बनाने में अपना हरसम्भव सहयोग दें।